चतरा: सिद्धो-कान्हो कृषि एवं वनोपज जिला सहकारी संघ, चतरा की ओर से शुक्रवार को जिला परिषद सभागार में बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों के सशक्तिकरण पर एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ उपायुक्त कीर्तिश्री जी ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
उपायुक्त ने अपने संबोधन में कही कि सहकारी समितियाँ ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, जो किसानों और वनोपज संग्राहकों को संगठित कर उनके उत्पादों का उचित मूल्य दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सामूहिक कार्य से किसानों की सौदेबाजी क्षमता बढ़ेगी और स्वरोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्होंने समितियों से तकनीक और नवाचार अपनाने का आह्वान किया, ताकि उत्पादों का संग्रहण, परिष्करण और विपणन सुनिश्चित हो सके।
उपायुक्त ने बताई कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा MPCS को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएँ चल रही हैं। ‘कम्प्यूटरीकरण ऑफ पैक्स’ योजना के तहत समितियों को कंप्यूटर सिस्टम उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे कार्यों में पारदर्शिता और गति आएगी। MPCS को बीज, उर्वरक का लाइसेंस और प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। साथ ही, कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के रूप में भी इनका विकास हो रहा है, जिससे आय में वृद्धि होगी। उन्होंने यह भी बताया कि MPCS द्वारा धान अधिप्राप्ति का कार्य किया जा रहा है। समितियों की भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए 100 एमटी, 500 एमटी और 2500 एमटी क्षमता वाले गोदामों का निर्माण कराया जा रहा है।
कार्यशाला में उप विकास आयुक्त, जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, सहायक निबंधक, DDM नाबार्ड, सिद्धकोफेड रांची के प्रोजेक्ट मैनेजर, CSC मैनेजर, SI, IFFCO के प्रतिनिधि सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
