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केंद्र की भाजपा नित मोदी सरकार की मज़दूर के ऊपर आतंकी हमला – 4 लेबर कोड पारित और लागु

गिरिडीह —- मेडिकल और सेल्स रिप्रेजेन्टेटिव के अखिल भारतीय संगठन, ऍफ़ एम् आर ए आई तथा बिहार झारखण्ड के संगठन बी एस एस आर यु के आह्वान पर आज 24 नवंबर 2025 सभी मेडिकल तथा सेल्स रिप्रेजेन्टेटिव देश भर राज्य के सभी जिला में काला बिल्ला लगाकर विरोध जताया। 

विरोध में केंद्र सरकार की जैम कर नारे बाज़ी कर ये 4-श्रम कोड का प्रतिलिपि को जलाया और मांग किया, अबिलम्ब इस काला कानून को सरकार वापस ले। गिरिडीह जिला का बी एस एस आर यूनियन के सैकड़ों सदश्य गण डॉक्टर लेन से एक रैली निकल कर जिला श्रम आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। जो प्रधान मंत्री को लिखा गया। मांग किया गया 1) इस 4-कोड को तुरंत वापस लिया जाये , 2) एस पि इ एक्ट 1976 को पुनर्बहाली किया जाये, और 3) SPE Act (service & Conditions) 1976 के अनुसार कानूनी काम करने के नियम बनाना I

यूनियन के राज्य सचिव कामरेड मृदुल कांति ने , पूछने पर बताया की गत 21नवंबर रात को ये 4 कोड लागु कर केंद्र सरकार ने देश की 70 करोड़ श्रमिक कर्मचारी पर आतंकी हमला कर दिया जो एक काला कानून है मालिक & पूंजीपतियों के लिए और शोषण और फायदा के लिए।

उन्होंने ये भी बताया , सरकार द्वारा लागू की जा रही नई श्रम संहिताएँ मजदूरों और कर्मचारियों के अधिकारों को कमजोर करने का प्रयास हैं। हम सभी को एकजुट होकर अपने हक और सम्मान की रक्षा के लिए आवाज उठानी होगी। संघर्ष ही हमारा हथियार है, एकता ही हमारी ताकत आइए, मिलकर इन संहिताओं के खिलाफ संगठित संघर्ष करें और श्रमिक हितों की रक्षा करें! देश की सभी मेहनतकश मजदूर कर्मचारीयों को एकजुट करिए एवं संघर्ष के लिए तैयार रहिए। नए श्रम संहिताओं में यूनियन बनाने और हड़ताल करने के नियमों को सख्त किया गया है, जिससे सेल्स प्रमोशन कर्मचारी अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करना कठिन होगा ।

चार श्रम संहिताएँ औद्योगिक विकास और निवेश को बढ़ाने के उद्देश्य से लाया जाना बताया जा रहा है, लेकिन वे श्रमिकों के लिए निम्नलिखित जोखिम पैदा करेंगी :

 

• नौकरी की सुरक्षा कमजोर

• ट्रेड यूनियनों की शक्ति में कमी

• सामाजिक सुरक्षा और कार्यस्थल सुरक्षा का कमजोर क्रियान्वयन

• अत्यधिक काम के घंटों का भार

• उल्लंघन पर पूँजीपतियों के लिए नियमों में सजा का कोई प्रावधान नहीं.

• हड़ताल करने का मौलिक अधिकार की समाप्ति.

चार श्रम संहिताओं से सेल्स प्रमोशन एम्पलाइज ( Medical & Sales Representatives ) पर पड़ने वाला प्रभाव

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• नियुक्ति पत्र फॉर्म ए में नहीं मिलेगा जिसके कारण सालाना वेतन वृद्धि, महंगाई भत्ता के प्रावधान समाप्त.

• सेल्स प्रमोशन एम्पलाइज के वेतन पर सीलिंग नहीं. सभी श्रम कानून के अधिकार समाप्त. श्रम संहिताएं लागू होने के बाद ये अधिकार समाप्त.

• सेल्स प्रमोशन एम्पलाइज को प्राप्त छुट्टियों के प्रावधान समाप्त.

• सेल्स प्रमोशन उद्योग में Fixed Term Employment तेजी से लागू होने के कारण स्थायी व नियमित रोजगार समाप्त. कंपनियाँ स्थायी कर्मचारियों की जगह अस्थायी नियुक्ति पर जोर दे सकती हैं। इससे सेल्स प्रमोशन कर्मचारियों को नौकरी की स्थिरता और अन्य लाभों से वंचित होना पड़ सकता है।

• दवा उद्योग के अलावा अन्य 10 उद्योगों में कार्यरत सेल्स प्रमोशन कर्मचारियों पर विपरीत प्रभाव.

• नई संहिताओं में कार्य के घंटे बढ़कर 12 घंटे तक किए जा सकते हैं, जिससे सेल्स प्रमोशन कर्मचारियों पर अतिरिक्त कार्यभार बढ़ेगा ।

• श्रम संहिताओं के तहत बोनस और अन्य लाभों की नई परिभाषाएँ लागू होने से कई कंपनियाँ बोनस की राशि घटाने या उससे बचने के रास्ते तलाश सकती हैं।

• सेल्स प्रमोशन कर्मचारियों को मिलने वाले इंसेंटिव और कमीशन पर भी नए नियमों का प्रभाव पड़ेगा ।

• इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड (Industrial Relations Code) के तहत कंपनियों को कर्मचारियों की छंटनी और अनुबंध समाप्त करने में अधिक स्वतंत्रता मिलेगी । इससे सेल्स प्रमोशन कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा (Job Security) पर खतरा बढ़ेगा ।

देश तभी आगे बढ़ेगी जब श्रमिक आगे बढ़ेगा।

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