झारखंड कांग्रेस में जिला अध्यक्षों की सूची जारी होते ही कोडरमा और देवघर समेत कई जिलों में अंतर्कलह और नाराजगी बढ़ गई है
संगठन विस्तार के बाद जिला अध्यक्षों की सूची पर विवाद शुरू हो गया है
पार्टी के भीतर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. वहीं, भाजपा ने तंज कसते हुए कांग्रस की सांगठनिक कमजोरी पर सवाल उठाए हैं।
रांची. झारखंड कांग्रेस अपने संगठन विस्तार के पहले चरण में ही अंतर कलह में फंस गई है. कांग्रेस के सभी 25 सांगठनिक जिला अध्यक्षों की सूची जारी होने के बाद पार्टी अंतर कलह से जूझ रही है. दरअसल, पार्टी आलाकमान ने जब जिला अध्यक्षों की सूची जारी की तो इसमें कई त्रुटियां देखने को मिलीं. विपक्ष के साथ पार्टी अंदरखाने भी आलाकमान पर आरोप लगा रही है कि पार्टी ने अयोग्य व्यक्ति को जिला अध्यक्ष घोषित कर दिया है. ऐसे में अब कई जिलों के जिलाध्यक्षों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने कई ऐसे जिला अध्यक्षों को नियुक्त किया है जो हाल ही में पार्टी में जुड़े हैं या उन्हें पार्टी की सदस्यता तक नहीं है. कोडरमा, देवघर, लातेहार, चतरा ऐसे जिले हैं जिनके जिला अध्यक्षों पर आरोप हैं कि वे हाल के दिनों में ही पार्टी में आए हैं या सदस्य भी नहीं हैं. कोडरमा में कई कार्यकर्ताओं ने इन्हें स्लीपर सेल बताया है।
भाजपा का तंज-कांग्रेस में ठीक नहीं चल रहा
कांग्रेस की जारी की गई इस सूची पर तंज कसते हुए भाजपा ने कहा कि कांग्रेस ने तो कई ऐसे जिला अध्यक्ष बनाए जिन्होंने आवेदन तक नहीं दिया था. कांग्रेस के संगठन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा और लोग सड़कों पर भी उतर रहे हैं. कांग्रेस की जारी की गई सूची पर जब विवाद शुरू हुआ तो अब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी भी अपने बयानों में फंसते दिख रहे हैं. दोनों के बयानों के बीच विरोधाभास इस बात का संकेत है कि कांग्रेस किस प्रकार कलह से जूझ रही है।
विवादित बयानों में फंसे प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी
दूसरी ओर, प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि आलाकमान का निर्णय सर्वमान्य है. अगर इन चीजों में कुछ त्रुटि हुई है तो पार्टी इसमें सुधार करेगी. वहीं, कांग्रेस के सह प्रभारी श्रीबेला प्रसाद ने कहा कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य इस पूरी प्रक्रिया में ऑब्जर्वर थे और सभी के सुझाव लेने के बाद ही यह रिकमेंडेशन हुए हैं. जब ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने नियुक्त किया है तो ऐसे प्रश्न नहीं होते हैं. हालांकि, कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस बिना सदस्यता वाले लोगों को जहां अध्यक्ष बनाया है, वहां कैसे सुधार किया जाए इस पर चर्चा कर रही है।
अंदंरूनी कलह और कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी
कांग्रेस के अंदरखाने कलह के बीच कई जिलों में कार्यकर्ताओं ने नाराज होकर पार्टी भी छोड़ दी है, जिनमें रामगढ़ जैसे जिले भी शामिल हैं. वहीं, कोडरमा में बीते कल पार्टी की बैठक में कार्यकर्ताओं का विरोध भी देखने को मिला. इस विरोध पर झारखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता कमल ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस एक बड़ी पार्टी है. अगर पार्टी के अंदर कोई नाराजगी हो रही है तो पार्टी इस पर ध्यान देगी और पहल कर अच्छे लोगों को रखा जाएगा. बहरहाल अब देखना होगा कि कांग्रेस अपनी अंतर्कलह से कैसे निकलती है और पार्टी के बीच सब कुछ कैसे सामान्य कर पाती है।
